अकेलेपन से ऊबकर अस्सी साल के बूढ़े संता ने जब तीसरी शादी कर ली उसके दोस्त बंता को उसकी नई नवेली पत्नी पर बड़ा तरस आया। यह बूढ़ा आदमी भला कैसे जवान बीबी को खुश रख सकेगा ? युवा पत्नी की शारीरिक अपेक्षाओं को दृष्टिगत रखते हुए उसने एक दिन संता को बुध्दिमत्तापूर्ण सलाह दी – यार संता, तुम्हारी बीबी को तुम्हारी देखभाल अकेले ही करनी पड़ती है। घर का काम भी उसी को करना पड़ता है। बेचारी थक जाती होगी। आखिर यह सब करने के लिए ही क्या वह इस घर में आई है ? तुम अपनी देखभाल के लिए एक नौकर क्यों नहीं रख लेते ?
संता को उसकी सलाह ठीक लगी।उसने कहा कि वह नौकर जरूर रखेगा। बंता अपनी चतुराई पर इतराता हुआ घर चला गया।
लगभग पांच महीने बाद एक बार फिर बंता अपने दोस्त से मिलने उसके घर पहुंचा।
– कहो मित्र, तुम्हारी पत्नी के क्या हालचाल है ? बंता ने पूछा।
– बढ़िया! वह मां बनने वाली है । संता ने गर्व से बताया।
आखिर मेरी सलाह काम कर गई, सोचकर बंता मन ही मन मुस्कुराया।
– और तुम्हारे नौकर के क्या हालचाल हैं ?
– अच्छा …….! नौकरानी ! हां, वह भी मां बनने वाली है …………