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आँखों मे उनींदा सा ख्वाब छोड के मेरी

आँखों मे उनींदा सा ख्वाब छोड के मेरी

आँखों मे उनींदा सा ख्वाब छोड के मेरी
सुबह को जाने कैसे मुक्कमल बनाएगा…

पूछा जो मैंने मेरे मुक्कदर का क्या हुआ
उसने कहा “फुर्सत नहीं है कल बनाएगा”

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