तेरे ख़याल की छाँव में बैठ जाते हैं..
तपिश से बच कर घटाओं में बैठ जाते हैं,
गए हुए की सदाओं में बैठ जाते हैं,
हम अपनी उदासी से जब भी घबराये,
तेरे ख़याल की छाँव में बैठ जाते हैं..