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बेवक्त तुम याद आते हो………..

बेवक्त तुम याद आते हो………..

बेवक्त तुम याद आते हो,
भरी महफिल मे एहसास दिलाते हो,
दोस्त हमे कहते हे आजकल तुम कहा खो जाते हो,
दिन मे भी सोये-सोये से नजर आते हो,
बस ऐसे ही कहकर हम समझाते हे,
दोस्त हे आखिर सब समझ तो जाते हे,
वैसे लिखकर भी हम बहुत कूछ कह जाते हे,
अपने नंही हम आपके भी गुजरे पलो को भी बताते हे,
ये हम आपकी दाद से समझ जाते हे,
यू ही हम सब नंही लिख पाते हे,
जिंदगी के ऐसे मुकाम से गुजरे हे,
जंहा लफ्स ही हमारी पहचान बन जाते हे,
जिंदगी से केवल हम यही सिख पाये हे,
जो बंदे दर्द को खुशी मे जिकर पी जाते हे,
वो अपनी पहचान बना पाते हे……
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