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मुझे इंतेज़ार है, कब पूरा होगा

मुझे इंतेज़ार है, कब पूरा होगा

मुझे इंतेज़ार है, कब पूरा होगा
कम्बख्त पङोस से जो महक आती है
प्यास को और बढ़ाती है
जाने कब ये इंतेजांर पूरा होगा
मालूम है,कुछ लम्हात ही जानिब मेरे होगा
लेकिन भूख अब हर पल और बहकाती है
बुझेगी जल्दी ही पर आस और जगाती है
और अब ये इंतज्रार पूरा होगा
मुझे अब जाना होगा,खाना जो शुरु होगा
देखुं तो वहां जाकर कि क्या नज़र होगा
मुझे इंतज्रार है, अब पूरा होगा
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