Posted on Leave a comment

मेरी मय्यत पे सारा जहा साथ निकला

मेरी मय्यत पे सारा जहा साथ निकला

तकलीफो का कारवाँ इतनी धूम से निकला
हर जख्म की आह पे आँखों से आँसू निकला
बदन से रूह रुखसत हो सकी ना
कहने को मेरी मय्यत पे सारा जहा साथ निकला

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *