मेरी मय्यत पे सारा जहा साथ निकला
तकलीफो का कारवाँ इतनी धूम से निकला
हर जख्म की आह पे आँखों से आँसू निकला
बदन से रूह रुखसत हो सकी ना
कहने को मेरी मय्यत पे सारा जहा साथ निकला