बेज़ुबा नहीं हु
बेज़ुबा नहीं हु
पर फिर भी चुप हु मैं
कहना है बहुत कुछ
पर फिर भी चुप हु मैं
करना चाहता हु
इज़हार-ऐ-मोहब्बत
पर जैसे ही तुम्हे देखा
तभी से चुप हु मैं
बेज़ुबा नहीं हु
बेज़ुबा नहीं हु
पर फिर भी चुप हु मैं
कहना है बहुत कुछ
पर फिर भी चुप हु मैं
करना चाहता हु
इज़हार-ऐ-मोहब्बत
पर जैसे ही तुम्हे देखा
तभी से चुप हु मैं