तू एक लकीर है जो मेरे हाथ में नहीं
तेरे सिवा कोई मेरे जज़्बात में नहीं,
आँखों में वो नमी है जो बरसात में नहीं,
पाने की कोशिश तुझे बहुत की मगर,
तू एक लकीर है जो मेरे हाथ में नहीं।
तू एक लकीर है जो मेरे हाथ में नहीं
तेरे सिवा कोई मेरे जज़्बात में नहीं,
आँखों में वो नमी है जो बरसात में नहीं,
पाने की कोशिश तुझे बहुत की मगर,
तू एक लकीर है जो मेरे हाथ में नहीं।