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वो रूठे इस कदर की मनाया ना गया

वो रूठे इस कदर की मनाया ना गया

वो रूठे इस कदर की मनाया ना गया;
दूर इतने हो गए कि पास बुलाया ना गया;
दिल तो दिल था कोई समंदर का साहिल नहीं;
लिख दिया था जो नाम वो फिर मिटाया ना गया

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