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कभी ख़ामोशी भी बहुत कुछ कह जाती है(Shayari)

कभी ख़ामोशी भी बहुत कुछ कह जाती है

कभी ख़ामोशी भी बहुत कुछ कह जाती है,
तडपने के लिए बस एक याद रह जाती है,
क्या फरक पड़ता है विल्स हो या गोल्ड फ्लेक,
जलने के बाद सिर्फ राख रह जाती है.

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