हर एक से छिपाए हमने
हर सितम सह कर कितने ग़म छिपाये हमने,
तेरी खातिर हर दिन आँसू बहाये हमने,
तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला,
बस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने।
महफिल में मेरा नाम छोड़ दो!
चलो मान लेता हुँ के..
Wafa Ke Badle Bewafaai Hi Sila Hai!
कोई बे वफ़ा नहीं होता!
हमपर ऐतबार करते थे।