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यादों का कारवां चला

यादों का कारवां चला

उदासी की रुत में यादों का कारवां चला

बदला रुख हवाओं ने घायल दर्द बेचारा हुआ

जले पॉव इश्क के अंगारों से दिल जला
दहकते गुलशन में जख्मों को सहारा मिला।।

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बेशक हरजाई है

बेशक हरजाई है

लड़की होने की मैंने बड़ी कीमत चुकाई है
सही होकर भी मैंने हमेशा गर्दन झुकाई है

होंठो पे मेरे सदा देखोगे तुम मुस्कान
नहीं देख पाओगे जो आंखों में दरिया छुपाई है

जाना पड़ता है महफ़िल में भी दिखावे के लिए
मगर दिल मेरे बसी सिर्फ तन्हाई है

ना करे चाहे वो कद्र मेरी ज़रा भी
मगर मेरी जान है वो, बेशक हरजाई है।

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बात करनी है,बात कौन करे

बात करनी है,बात कौन करे

बात करनी है,बात कौन करे
दर्द से दो-दो हाथ कौन करे

हम सितारे तुम्हें बुलाते हैं
चाँद ना हो तो रात कौन करे

हम तुझे रब कहें या बुत समझें
इश्क में जात-पात कौन करे

जिंदगी भर कि कमाई तुम थे
इस से ज्यादा ज़कात कौन करे