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Zindagi mein saphalata paane ke liye

Zindagi mein saphalata paane ke liye

 

▞▞जिंन्दगी में सफलता पाने के लिए, 
थोड़ा जोखिम उठाना पड़ता है,
सीढियाँ चढ़ते समय उपर जाने के लिए,
नीचे की सीढ़ी से पैर हटाना पड़ता है ॥▞▞

 

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ये मिला नही, वो रहा नही

ये मिला नही, वो रहा नही
हासिल-ए-जिन्दगी
हसरतों के सिवा और कुछ भी नही,
ये किया नही, वो हुआ नही
ये मिला नही, वो रहा नही.

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जिंदगी एक अभिलाषा है

जिंदगी एक अभिलाषा है
जिंदगी एक अभिलाषा है,
क्या गजब इसकी परिभाषा है,
जिंदगी क्या है मत पूछो
संवर गई तो तकदीर और
बिखर गई तो तमाशा है.

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वही तुम्हारी मिसाल देंगे

वही तुम्हारी मिसाल देंगे
तू रख यकीन बस अपने आप पर,
कल तू जरूर कामयाब होगा,
जो लोग आज तुम्हें नाकामयाब समझते है,
कल को वही तुम्हारी मिसाल देंगे।

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न विश्वास को डिगने देना

न विश्वास को डिगने देना


न विश्वास को डिगने देना 

आत्मविश्वास का लेना संबल 

मत छोड़ना हौसला अपना 

बदलता है वक्त पल पल 

दे प्रज्वलित दिव्य चेतना खुद को 

कल्पनाओं को अपनी सत्य का रूप दे दे 

जीत जा क्षण भंगुर निराशा से 

पथ को अपने लक्ष्य का प्रारूप दे दे 

हर कदम में हो स्वाभिमान का ओज 

ले दृढ़ संकल्पित मन 

जी अपनी आशाओं को रोज 

खुद की अंतरात्मा को 

दे अलौकिक ज्ञान 

चल किसी भी दुर्गम पथ 

होगी सफलता से ही पहचान

न विश्वास को डिगने देना 

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न जाने कहाँ खो गया है?

न जाने कहाँ खो गया है?

जब किसी को मुस्कुराते देखता हूँ,
लगता है कि तुम फिर से मेरे पास आ गये हो,
ना कोई शिकवा, ना कोई शिकायत,
ना कोई परवाह, स्वच्छंद
उस खिलखिलाहट में अमृत बरसता था।
खोजता हूँ शायद उसी खिलखिलाहट में
वह मुस्कराहट
फिर से पाऊँ,


लौटकर फिर उसी बचपन को पाऊँ ।
जहाँ कभी,
बरगद के नीचे
जम जा जाया करती थी बालमण्डली,
निर्मल नीले जल में खिलते हुए कमल,
तल में उजले-उजले पत्थर,
मस्ती भरा नहाना
कागज की नाव को तैराना,
चने के खेत में अधपके चने तोड़ भूनकर
मोहन भोग लगाना।
पास ईख के खेत
गन्ने का रसास्वादन।
और फिर वही उछल कूद
मस्ती का आलम
राग अपनी धुन में गाना
वे मस्ती के दिन
वे प्यारे पल
कहाँ गए?
अब कभी जाता हूँ
बरगद के पेड़ के नीचे
बरगद का पेड़ तो वही है,
तालाब सूख गया है
हुई कैसी किससे खता है?
कमल का कोई नहीं पता है।
जाता हूँ जब खेत में
ना वहाँ चना है
ना वहाँ गन्ना है।
बाल मण्डली कहीं सो गयी है,
खेल की ऋतु खो गयी है।
कहाँ गया तुकबन्दी का लगाना,
आम की बगिया से आम का चुराना
भागता माली उसको भी सताना,
पकड़े जाने पर बहाना भी बनाना।
जो होना नहीं चाहिए था
वह हो गया है।
मेरा वाला बचपन
न जाने कहाँ खो गया है?

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लोग कहते है

लोग कहते है

लोग कहते है
अपनो के सामने
थोड़ा झुक जाना चाहिए
लेकिन में उन्हें कैसे समझाऊं
अपना तो वो है
जो हमे किसी के सामने
झुकने ना दे

 

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जीवन में तकलीफ उसी को आती है

जीवन में तकलीफ उसी को आती है

जीवन में तकलीफ उसी को आती है ,
जो हमेशा जिम्मेदारी उठाने को तैयार 
रहते हैं,
और जिम्मेदारी लेने वाले
कभी हारते नहीं,
या तो जीतते है या फिर सीखते हैं।

 

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थोड़ा वक्त दो उसे …॥

थोड़ा वक्त दो उसे …॥


जरूरी नहीं कि
इंसान बदला हो।
क्या पता जीवन की
किसी उलझन में फंसा हो
थोड़ा वक्त दो उसे …॥

 

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अहंकार में डूबे इंसान को ना तो

अहंकार में डूबे इंसान को ना तो
अहंकार में डूबे इंसान को ना तो
खुद की गलतियां दिखाई देती है,
और ना ही दूसरो की अच्छी
बात🙍🙍🙍