दुनिया से लड़ना है तो
सबकी बात न माना कर
खुद को भी पहचाना कर
दुनिया से लड़ना है तो
अपनी ओर निशाना कर
अपनी ओर निशाना कर
या तो मुझसे आकर मिल
या मुझको दीवाना कर
बारिश में औरों पर भी
अपनी छतरी ताना कर
बाहर दिल की बात न ला
दिल को भी तहखाना कर
शहरों में हलचल ही रख
मत इनको वीराना कर