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अपना और पराया क्या है?

अपना और पराया क्या है?

अपना और पराया क्या है?
मुझे तो बस यही पता हैं
जो भावनाओं को समझे
        वो अपना
और जो भावना से परे हो
          वो पराया
जो दूर रहकर भी पास हो
          वो अपना
और जो पास रहकर भी दूर हो
           वो पराया

 

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जब हम उनसे मोहब्बत थी(Jab hume unse mohabbat thi)

                                                   जब हम उनसे मोहब्बत थी

 

Jab hume unse mohabbat thi, 

Tab unhe humari mohabbat par shak tha, 

Jab unhe ehsas hua humari mohabbat ka, 

Tab hum par kisi aur ka hak tha !!

 

जब हम उनसे मोहब्बत थी, 

 तब उन्हे हमारी मोहब्बत पर शक था, 

 जब उन्हे एहसास हुआ हमारी मोहब्बत का, 

 तब हम पर किसी और का हक था !!

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जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें(Jakham Itna Gehra Hai Izhaar Kya Kare,)

  जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें


 

 जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें,

हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें,

मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी,

क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं.

Jakham Itna Gehra Hai Izhaar Kya Kare,

Ham Khud Nishan Ban Gaye Oro Ka Kya Kare,

Mar Gaye Hum Magar Khuli Rahi Akhein,

Kyuki Hamari Akhon Ko Unka Intezar Hai.