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लूट गए हैं हम तो वफायें निभाने में..(Shayari)

लूट गए हैं हम तो वफायें निभाने में..

टीस बाकि है शायद दिल के किसी खाने में.
अभी तकलीफ बहोत होती है मुस्कुराने में..

वक्त के साथ सबके चेहरे बदल जाते हैं ,
डर सा लगता है अब तो दोस्त भी बनाने में..

जो न ढाला खुद को वक्त के टकसाल में,
चला है ऐसा सिक्का कब इस ज़माने में..

शमा दिया था खुदा ने रौशनी लुटाने को,
लगा दिया है उसे नशेमन जलाने में..

शहर के तौर-तरीके हमने सीखा न
लूट गए हैं हम तो वफायें निभाने में..

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हम कभी मिल ना पाऐ तो माफ कर(Shayari)

हम कभी मिल ना पाऐ तो माफ कर

हम कभी मिल ना पाऐ तो माफ करना,
आप को याद ना कर पाऐ तो माफ करना,
इस दिल से तो कभी हम भुला ना पायेंगे आपको,
पर ये दिल ही अगर रूक जाऐ तो माफ करना..

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मुझे तो टूटने की आदत है(Shayari)

मुझे तो टूटने की आदत है

बिन बात के ही रूठने की आदत है;
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है;
आप खुश रहें, मेरा क्या है;
मैं तो आइना हूँ,
मुझे तो टूटने की आदत है।

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कभी ख़ामोशी भी बहुत कुछ कह जाती है(Shayari)

कभी ख़ामोशी भी बहुत कुछ कह जाती है

कभी ख़ामोशी भी बहुत कुछ कह जाती है,
तडपने के लिए बस एक याद रह जाती है,
क्या फरक पड़ता है विल्स हो या गोल्ड फ्लेक,
जलने के बाद सिर्फ राख रह जाती है.