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तुम्हारा हर दर्द सहूंगा

          तुम्हारा हर दर्द सहूंगा

अहसासों की किताब पलट के देखना मैं मिलूंगा 

         तुम्हारे साथ ज़िन्दगी भर चलूँगा 

   तुम्हारा साथ दूंगा किताब में पन्नों की तरह 

      तुमसे जुड़ हर तुम्हारा हर दर्द सहूंगा

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हर जगह हम नज़र आएंगे

     हर जगह हम नज़र आएंगे

    ख़ुशी की खबर देने तेरे घर आएंगे  

 अँधेरे से भरे घर को चिराग से जलाएंगे 

    हमेशा नज़र चुराए रहते हैं आप 

       कभी नज़रें उठा के देखिये 

      हर जगह हम नज़र आएंगे

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ज़िन्दगी आगे रख दूँ सारी तुम्हारे लिए

                           ज़िन्दगी आगे रख दूँ सारी तुम्हारे लिए  


आसमान में छेद कर दूँ एक तारे के लिए 

  ज़िन्दगी आगे रख दूँ सारी तुम्हारे लिए 

      और आपके लिए मैं क्या कहूं 

   हम आपके हैं और आप हमारे लिए

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आपकी आँखों में मैंने प्यार देखा

         आपकी आँखों में मैंने प्यार देखा

 

                  जब भी सपना देखा 

           💗उस सपने में आपको देखा 

  जिस ख़ुशी ने मेरे दरवाज़े पर दस्तक दी 

             उस ख़ुशी को अपने भेजा 💗

        नफरत तो सबने की थी मुझसे मगर    

उन सब में सिर्फ आपकी आँखों में मैंने प्यार देखा

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अपनी मोहब्बत ही इतनी खास हो

अपनी मोहब्बत ही इतनी खास हो

        मेरे लबों पे बस तेरा नाम हो 

     मोहब्बत में ऐसा अपना काम हो 

  हीर राँझा की मिसाले लोग भूल जाएँ 

   अपनी मोहब्बत ही इतनी खास हो

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रुक जाये बदन से वो सास चाहिए

                               रुक जाये बदन से वो सास चाहिए


💗💗तुम्हारा मेरा साथ चाहिए 

              जो रिश्ता ना टूटे वो हाथ चाहिए 

         तुमसे जुदा होने का जो ख्याल आये तो 

          रुक जाये बदन से वो सास चाहिए💗💗

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हाथों में तेरा हाथ होने से ही

       हाथों में तेरा हाथ होने से ही

💕💕ये लकीरें ये नसीब ये किस्मत, 

             सब फ़रेब के आईने हैं, 

           हाथों में तेरा हाथ होने से ही, 

         मुकम्मल ज़िन्दगी के मायने हैं।💕💕

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छोटा सा गाँव मेरा पुरा बिग् बाजार था !

 छोटा सा गाँव मेरा

पुरा बिग बाजार था !

एक नाई, एक मोची,

एक अच्छा  लुहार था !!

छोटे छोटे घर थे

हर आदमी बङा दिलदार था !

छोटा सा गाँव मेरा

पुरा बिग बाजार था !!

कही भी रोटी खा लेते 

हर घर मे भोजऩ तैयार था !

बाड़ी की सब्जी मजे से खाते थे 

जिसके आगे शाही पनीर बेकार था !!

छोटा सा गाँव मेरा

पुरा बिग् बाजार था !

दो मिऩट की मैगी ना, 

झटपट दलिया तैयार था !!

नीम की निम्बोली और शहतुत सदाबहार था 

अपना घड़ा कस कै बजा लेते !

समारू पुरा संगीतकार था,,

छोटा सा गाँव मेरा पुरा बिग बाजार था !!

मुल्तानी माटी से तालाब में नहा लेते,

साबुन और स्विमिंग पूल बेकार था !

और फिर कबड्डी खेल लेते

हमे कहाँ क्रिकेट का खुमार था !!

छोटा सा गाँव मेरा

पुरा बिग् बाजार था।।।

दादी की कहानी सुन लेते 

कहाँ टेलीविज़न और अखबार था !

भाई – भाई को देख के खुश था,

सब मे बहुत प्यार था !!

छोटा सा गाँव मेरा पुरा बिग बाजार था !!

वो प्यार, वो संस्कृति

मैं अब कहाँ से लाऊं !

ये सोच सोच कर

मैं बहुत दुख पाऊं !!

जो वो समय फिर आ जा्य 

तो बहुत मजा आ जाय !

मैं अपनी असली जिन्दगी जी पाऊं 

और मैं इस धरती को सौ-सौ शीश झुकाऊं !!