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नई उम्मीदें जगाना है…(nayi ummeeden jagaana hai…)

नई उम्मीदें जगाना है…

 

नई उम्मीदें जगाना है… 

अंधकार को चीरता हुआ सूरज उगाना है… 
कांटों से दूर नए फूल खिलना है.. 
साफ दिलों से भरा एक नया शहर बसाना है..
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रखने परचम ऊँचा खेल जाते हैं जान पर (rakhne parcham uncha khel jaate hain jaan per)

 

रखने परचम ऊँचा खेल जाते हैं जान पर 

आने नहीं देते आँच वतन की आन पर.. 
करते हैं अपनी नींदें कुरबान हमारी खातीर 
हिंद को फ़ख्र हैं अपने हिंदी जवान पर..