Posted on March 8, 2022 by gopal.singh07 — Leave a commentमेरे नाम की तख्ती भी नहीं 👩 मेरे नाम की तख्ती भी नहीं दिन की रौशनी ख्वाबों को बनाने में गुजर गई, रात की नींद बच्चे को सुलाने में गुजर गई, जिस घर में मेरे नाम की तख्ती भी नहीं, सारी उम्र उस घर को सजाने में गुजर गई।